थाने पहुंची महिला, पुलिस से बोली पति को मर्द पसंद हैं, और जेठ हर रात मेरे साथ.

यह लेख गुजरात के गांधीनगर में घटी एक दुखद घटना को बयान करता है, जहाँ एक महिला को शादी के बाद धोखे और प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। फरवरी 2022 में विवाह के बाद, इस महिला ने एक खुशहाल वैवाहिक जीवन की उम्मीद की थी, लेकिन जल्दी ही चीज़ें बिगड़ने लगीं। इस घटना का सारांश और विश्लेषण पेश है, जो विवश विवाह, LGBTQ+ से जुड़े मुद्दों, दहेज प्रताड़ना, और वैवाहिक हिंसा के पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जो अभी भी भारत में कई लोगों को प्रभावित करते हैं।

विवाह और इसके बाद समस्याएँ

फरवरी 2022 में एक 29 वर्षीय महिला, जो एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करती थी, ने गुजरात के कलोल के एक व्यक्ति से शादी की। शादी के बाद से ही उसके पति ने उससे दूरी बना ली और उनके बीच नजदीकी का कोई संबंध नहीं बन सका। महिला के लगातार प्रयासों के बावजूद, उसके पति ने न तो भावनात्मक और न ही शारीरिक रूप से उससे कोई रिश्ता जोड़ा। इसके अलावा, ससुराल वालों ने उसे दहेज को लेकर ताने दिए, जो महिला के लिए अत्यंत दुखदायी अनुभव था।

भारत में दहेज प्रथा, भले ही अवैध है, लेकिन यह एक गहरी सामाजिक समस्या बनी हुई है। कई परिवार विवाह में दहेज की मांग करते हैं, जिससे दुल्हन और उसके परिवार पर अतिरिक्त वित्तीय और भावनात्मक बोझ बढ़ता है। इस मामले में भी, पति और ससुराल वालों ने दहेज की माँग को लेकर महिला पर दबाव डाला, जिससे उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति कमजोर होती चली गई।

पति की छुपाई हुई सच्चाई

महिला के अनुसार, उसका पति समलैंगिक है, और उसने इस तथ्य को उससे और अपने परिवार से छुपाकर रखा था। इस सच्चाई का पता चलते ही महिला के विवाह के प्रति समझ और धारणा बदल गई, और उसने इसे “अधूरा” विवाह कहा। उनके बीच न तो कोई शारीरिक संबंध था और न ही किसी प्रकार का भावनात्मक जुड़ाव।

भारत का समाज अभी भी समलैंगिकता को पूरी तरह से स्वीकार नहीं करता है। कई LGBTQ+ व्यक्ति समाज के दबाव में आकर विपरीत लिंग से विवाह करने पर मजबूर होते हैं ताकि वे पारंपरिक अपेक्षाओं पर खरे उतर सकें। ऐसी जबरन शादियाँ अक्सर दोनों पक्षों के लिए त्रासदी बन जाती हैं, क्योंकि दोनों ही अपनी चाहत और उम्मीदों से वंचित रह जाते हैं। इस मामले में, महिला एक ऐसे रिश्ते का हिस्सा बन गई, जहाँ विश्वास, सहमति और आपसी समझ का अभाव था।

जेठ द्वारा उत्पीड़न

इन तमाम कठिनाइयों के बीच, महिला को अपने जेठ द्वारा भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। महिला का आरोप है कि जेठ को अपने छोटे भाई की समलैंगिकता की जानकारी थी और इस तथ्य का फायदा उठाकर उसने महिला के साथ अश्लील हरकतें कीं। उसने महिला के साथ जबरदस्ती करने का भी प्रयास किया और यहां तक कहा कि वह उसे गर्भधारण में “मदद” करेगा, जो महिला की निजता और मर्यादा का अपमान था।

हिम्मत और न्याय की खोज

महिला ने अंततः पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसके आरोपों में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, और धोखाधड़ी जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जाँच की आवश्यकता है, जिससे महिला को न्याय मिल सके।

यह घटना विवाह में विश्वास, सहमति और समाज में LGBTQ+ मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है।

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