कई बार हम अपने शरीर में होने वाली छोटी-मोटी समस्याओं को हल्के में लेते हैं और डॉक्टर के पास जाने की बजाय इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन छोटी समस्याएं कई बार गंभीर रूप ले सकती हैं, जिसका हमें अंदाजा भी नहीं होता। इंग्लैंड की 41 साल की निकी बेनेट के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जिसने सबके लिए एक सीख बनकर उभरी है।
निकी को एक दिन सिर में हल्का दर्द और आंखों के आसपास सूजन महसूस हुई। उन्हें लगा कि ये साधारण सिरदर्द या थकान का परिणाम है। उन्होंने इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और दर्द का इलाज खुद से करने की सोची। निकी ने गूगल पर अपने लक्षणों की जांच की, जिसमें टेंपोरल अर्टेराइटिस नामक स्थिति से मिलते-जुलते लक्षण दिखाई दिए। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नसों में सूजन आ जाती है और सिर में हल्का दर्द बना रहता है।

शुरुआती जांच में नहीं निकला कुछ खास
पहले निकी ने सोचा कि यह कुछ मामूली समस्या होगी और वह सामान्य जीवन जीती रहीं। उनके लिए सिरदर्द कोई नई बात नहीं थी, क्योंकि पिछले साल भी उन्हें इसी तरह का दर्द हुआ था, जिसके लिए डॉक्टरों ने उन्हें स्टेरॉयड्स दिए थे। लेकिन अब उनके सिरदर्द के साथ आंखों में सूजन भी हो रही थी।
आखिरकार, निकी ने दोबारा डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया। उनके शुरुआती परीक्षणों में कुछ खास सामने नहीं आया, और डॉक्टरों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने केवल निकी को संतुष्ट करने के लिए सीटी स्कैन कराने की सलाह दी, ताकि उनकी चिंता कम हो सके।

सीटी स्कैन में हुआ ट्यूमर का खुलासा
सीटी स्कैन के नतीजे देखकर निकी और उनके डॉक्टर दोनों हैरान रह गए। उनके मस्तिष्क के बाएं हिस्से में संतरे के आकार का ट्यूमर पाया गया। यह जानकर निकी के पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि यह समस्या मामूली नहीं थी, जैसा वह समझ रही थीं। उनकी जिंदगी अचानक बदल गई, क्योंकि उन्हें गंभीर इलाज की जरूरत थी।

जटिल सर्जरी के बाद ट्यूमर हटाया गया
ट्यूमर का पता चलते ही निकी को वॉल्टन सेंटर एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट में भर्ती कर लिया गया। डॉक्टर इस बात पर हैरान थे कि इतने बड़े ट्यूमर के बावजूद भी निकी सामान्य जीवन जी रही थीं। वह जिम जाती थीं, ड्राइविंग करती थीं, और किसी भी तरह के गंभीर लक्षण के संकेत नहीं दे रही थीं।
उनकी सर्जरी की गई और डॉक्टरों ने ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया। इसके बाद निकी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और वह 10 दिनों में घर वापस आ गईं। यहां तक की उनकी हालत स्थिर हो गई थी, और उन्होंने सामान्य जीवन की ओर लौटने की कोशिश की।

दोबारा हुआ सिरदर्द, निकला मेनिंजाइटिस
सर्जरी के कुछ हफ्ते बाद, निकी को फिर से सिरदर्द हुआ। यह सिरदर्द पहले से कहीं ज्यादा तेज था, जिससे उन्हें दोबारा अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी। जांच में यह पता चला कि उन्हें मेनिंजाइटिस हो गया है। मेनिंजाइटिस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को घेरने वाली झिल्ली में होने वाली सूजन है, जो वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तत्काल इलाज की जरूरत होती है।
इस बार निकी को करीब साढ़े तीन हफ्ते तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। डॉक्टरों ने उनकी हालत पर कड़ी निगरानी रखी, और धीरे-धीरे उनकी सेहत में सुधार होने लगा। मेनिंजाइटिस का इलाज जटिल होता है और इससे निकी की रिकवरी में लंबा समय लगा।

स्कल रिप्लेसमेंट सर्जरी की तैयारी
अब निकी की सेहत को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों ने जनवरी में स्कल रिप्लेसमेंट सर्जरी का निर्णय लिया है। इस सर्जरी में उनके मस्तिष्क को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उनकी खोपड़ी के हिस्से को बदलना होगा। यह सर्जरी उनके लिए जोखिमपूर्ण है, लेकिन इसके बाद उनकी सेहत में स्थायी सुधार की उम्मीद है।
निष्कर्ष और सबक
निकी की यह कहानी हमें एक अहम संदेश देती है कि अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। छोटी समस्याएं भी बड़ी बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। जब निकी को शुरुआती सिरदर्द हुआ, तब उन्होंने इसे साधारण मानकर खुद ही इसका इलाज करना चाहा। लेकिन अगर उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर पहले ही पूरी जांच करवा ली होती, तो शायद ट्यूमर का पता समय रहते लग सकता था और उनकी सेहत पर गंभीर असर नहीं पड़ता।
इस घटना से यह भी साबित होता है कि ऑनलाइन लक्षणों की जांच पूरी तरह भरोसेमंद नहीं होती। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी प्राथमिक जानकारी के लिए उपयोगी हो सकती है, पर किसी भी लक्षण की पूरी सटीक जानकारी के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।