क्या आपने कभी सोचा कि एक ही ब्रांड की शराब हर राज्य में अलग कीमत पर क्यों?

घटना एक ऐसी रात की, जहां शराब की कीमत पर चर्चा के दौरान कई रहस्यमयी बातें सामने आईं। यह कहानी साधारण लग सकती है, लेकिन जैसे-जैसे आप इसमें गहराई से जाएंगे, यह आपको सोचने पर मजबूर कर देगी।

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यह किस्सा एक छोटे से गांव की है, जहां हर शाम चौपाल पर लोग इकट्ठा होते थे। उस रात का माहौल थोड़ा अलग था। आसमान में घने बादल छाए हुए थे और हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। चौपाल पर बैठे लोग गर्म चाय की चुस्कियों के साथ रोज़मर्रा की बातों पर चर्चा कर रहे थे। तभी गांव के एक नौजवान, अर्जुन, ने सवाल उठाया, “क्या आपने कभी सोचा है कि शराब की कीमत एक राज्य से दूसरे राज्य में इतनी अलग क्यों होती है? एक ही ब्रांड की बोतल, लेकिन कीमतों में ज़मीन-आसमान का अंतर! आखिर क्यों?”

सबकी नजरें अर्जुन की तरफ घूम गईं। यह सवाल सच में दिलचस्प था। चौपाल पर बैठे बुजुर्ग रामलाल, जो अक्सर अपने अनुभवों की कहानियां सुनाते थे, मुस्कुराए और बोले, “अर्जुन, ये बात तो सच है कि शराब की कीमतें हर राज्य में अलग होती हैं। लेकिन इसके पीछे की वजहें जानना आसान नहीं है। इसके लिए हमें कई परतों के पीछे छिपे सच को खोजना पड़ेगा।”

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रामलाल की इस बात ने सबका ध्यान खींच लिया। उन्होंने कहा, “पहली वजह है टैक्स। हर राज्य की अपनी टैक्स नीति होती है। जैसे महाराष्ट्र में शराब पर टैक्स की दरें काफी ज्यादा हैं, जबकि गोवा में टैक्स बेहद कम है। इसलिए गोवा में शराब सस्ती मिलती है। सरकारें शराब पर टैक्स लगाकर अपना राजस्व बढ़ाती हैं। कुछ राज्य अपनी नीतियों के जरिए सस्ती शराब को बढ़ावा देते हैं, जबकि कुछ महंगी शराब बेचकर ज्यादा मुनाफा कमाते हैं।”

अर्जुन ने बीच में टोका, “तो क्या यह सिर्फ टैक्स की बात है? और कोई वजह नहीं?”

रामलाल ने अपनी चाय की चुस्की ली और बोले, “नहीं बेटा, यह कहानी यहीं खत्म नहीं होती। इसके पीछे और भी कई वजहें हैं। शराब कंपनियों को हर राज्य में लाइसेंस लेना पड़ता है, और हर राज्य की लाइसेंस फीस अलग होती है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में लाइसेंस फीस काफी ज्यादा है, जिससे वहां शराब महंगी हो जाती है। इसके अलावा, शराब को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने में ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी जुड़ता है। पहाड़ी इलाकों या दूरदराज के क्षेत्रों में यह खर्च और बढ़ जाता है, जिससे कीमतें ज्यादा हो जाती हैं।”

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चौपाल पर बैठे सभी लोग ध्यान से सुन रहे थे। अर्जुन ने फिर से पूछा, “लेकिन रामलाल चाचा, अगर यह सब वजहें हैं, तो फिर बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध क्यों है? क्या इससे सरकार को नुकसान नहीं होता?”

रामलाल ने गंभीरता से जवाब दिया, “बिल्कुल, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वहां शराब की खपत नहीं होती। वहां शराब अवैध रूप से बिकती है और काला बाजारी चरम पर होती है। यही वजह है कि इन राज्यों में शराब की कीमतें आसमान छूती हैं। अवैध व्यापार और स्मगलिंग के चलते कीमतों में यह उछाल आता है।”

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अर्जुन और बाकी लोग यह सुनकर हैरान रह गए। तभी चौपाल पर बैठे मोहन, जो अक्सर शहर से नई-नई खबरें लाते थे, बोले, “रामलाल जी सही कह रहे हैं। और एक और बात है, राज्य सरकारें अपने बजट के दौरान शराब पर टैक्स बढ़ा देती हैं। कभी-कभी यह टैक्स इतनी तेजी से बढ़ता है कि लोगों को समझ ही नहीं आता कि कीमत अचानक क्यों बढ़ गई।”

रामलाल ने सहमति में सिर हिलाया और बोले, “यह तो हुई सरकारी नीतियों और टैक्स की बात। लेकिन एक और पहलू है, जो अक्सर लोग भूल जाते हैं। शराब की कीमतें मांग और आपूर्ति पर भी निर्भर करती हैं। जिन राज्यों में शराब की खपत ज्यादा होती है, वहां कंपनियां अपनी मर्जी से कीमत बढ़ा देती हैं। और जिन जगहों पर खपत कम होती है, वहां कीमतें अपेक्षाकृत कम रहती हैं।”

चौपाल पर चर्चा गर्म हो चुकी थी। अर्जुन ने सोचते हुए पूछा, “तो क्या इसका मतलब यह है कि शराब की कीमतें कभी स्थिर नहीं रह सकतीं?”

रामलाल ने मुस्कुराते हुए कहा, “बिल्कुल सही कहा। शराब की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, और यही वजह है कि यह हमेशा बदलती रहती हैं। लेकिन बेटा, इससे हमें एक सीख भी मिलती है। हमें कभी भी बिना सोचे-समझे चीज़ों पर पैसा खर्च नहीं करना चाहिए। हर कीमत के पीछे एक कारण होता है, और अगर हम उसे समझ लें, तो हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं।”

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अर्जुन और चौपाल पर बैठे बाकी लोग यह सुनकर सोच में पड़ गए। वह रात सिर्फ एक चर्चा नहीं थी, बल्कि एक ज्ञानवर्धक अनुभव भी थी। अर्जुन ने उस रात सीखा कि हर चीज़ के पीछे एक वजह होती है, और अगर हम उसे जानने की कोशिश करें, तो कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है।

उस रात की चर्चा ने चौपाल के सभी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। यह कहानी सिर्फ शराब की कीमतों की नहीं थी, बल्कि इस बात की भी थी कि कैसे हर राज्य की अपनी नीतियां और व्यवस्थाएं होती हैं, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती हैं। और यही बात इस कहानी को खास बनाती है।

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